योगी डिवाइन सोसायटी के परमाध्यक्ष परम पूज्य हरिप्रसाद स्वामी जी महाराज द्वारा
परम पूजनीय सत्यमित्रानंद जी महाराज को श्रद्धांजलि
परम श्रद्धेय सर्वकाल स्मरणीय समन्वय सम्राट परम पूजनीय स्वामी सत्यमित्रानंद जी महाराज का ब्रह्मलीन होना अध्यात्म विश्व और व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए अत्यंत दुःखदायी है I परम पूजनीय सत्यमित्रानंद जी महाराज के अंतर्धान होने से हमने संस्कृति की रक्षा के लिए सतत चिंतन-रत और सेवा-रत महात्मा को खो दिया है I अपने स्पष्ट विचार और ध्येयनिष्ठ कार्यशैली से प. पू. महाराज जी ने आबालवृद्ध सभी के हृदय में विशेष स्थान बनाया था I उनके विचार और कर्तव्य में सभी की भलाई की भावना अभिव्यक्त होती रहती थी । भारतमाता को मूर्तिरूप देकर सिर्फ मंदिर ही नहीं बल्कि भारतवासियों के हृदय में भी उन्हें प्रतिष्ठापित किया है ! सनातन संस्कृति के विविध आयामों की गौरवपूर्ण प्रतिष्ठा करने में प. पू. महाराज जी का योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा !
ईश्वर हर किसी को अपनी भूमिका निश्चित करके धरातल पर भेजतें हैं, लेकिन प. पू. महाराज जी जैसे कुछ ही व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जो ईश्वर द्वारा सुनिश्चित भूमिका को श्रेष्ठतम अंजाम दे पाते हैं I यही तो वह कारण है कि संस्कृति की रक्षा के लिए उनके द्वारा उठाया गया हर कदम ईश्वर की पूजा बन जाता था I उनके द्वारा प्रशस्त मार्ग पर चलने का दृढ संकल्प ही उनको हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी!
संस्कृति के आदर्श और समन्वय के अनूठे आराधक प. पू. महाराज जी के साथ बरसों से आत्मीय संबंध रहा I योगी डिवाइन सोसायटी द्वारा देश-विदेश में आयोजित सभी उत्सवों में उनकी आशिषमय उपस्थिति और परावाणी संतो-भक्तों को आत्मीयता की अनुभूति कराती रही ! हमारे व्यक्तिगत स्वास्थ्य के बारे में पृच्छा एवं आज्ञा से उनका प्रेम अभिव्यक्त होता रहा ! ऐसे प्रेमभाव से अब हम वंचित हो गए !
परमकृपालु परमेश्वर की शाश्वत संनिधि में रहे परम पूजनीय सत्यमित्रानंद जी महाराज द्वारा निर्देशित पथ पर चलने की प्रेरणा व सामर्थ्य हम सभी प्राप्त करते रहें यही प्रार्थना हैI
‘योगी डिवाइन सोसायटी’-हरिधाम-सोखडा से संलग्न संतो-भक्तों की ओर से परम पूजनीय सत्यमित्रानंद जी महाराज को वंदनपूर्वक आत्मीय श्रद्धांजलि ! जय श्री स्वामिनारायण !